Debu Mahiya
मेह बरस्यां पछै मायड़ धरती रा रूप ही निराळा व्है जी
______________ आली बाळू रेत देखनै टाबर थरपै गोगा / मुंडै मुळकै हेत धरा रो हे…
______________ आली बाळू रेत देखनै टाबर थरपै गोगा / मुंडै मुळकै हेत धरा रो हे…
एक प्रण, हर वृक्ष मे छुपा भगवान है, उसकी छावँ मे सनेह विधमान है, कयोँ हम सब भूल ज…
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