मेह बरस्यां पछै मायड़ धरती रा रूप ही निराळा व्है जी




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आली बाळू रेत देखनै
टाबर थरपै गोगा /
मुंडै मुळकै हेत धरा रो
हेठां नागा-पोगा /
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करि टोडियै मस्सकरि
देख खैरड़ी -कांट /
किरसक घाली कामड़ी
टोड बगै चुंचाट /
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गोद्यां कूकै गीगलो
कांधै सिसकै बै'न (बहन) /
सासू राखै टुणकुलो
कीकर होवै सै'न /
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हुकमो पीवै पावटी
रुखमा काढै गाळ /
म्हारै पल्लै बाबलियै
क्यूं बांध्यो गैइवाळ //
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© ® देबू
फोटू : देबूड़ै गा भाणजिया 

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