जानें कौन हैं 'रेपरिया बालम' और कैसे बनाई संगीत में अपनी पहचान

राजस्थानी संगीत में बनाई बिश्नोई ने अपनी पहचान
राजस्थानी गीतों से प्रसिद्ध गायक है अशोक विश्नोई (मंडा) उर्फ़ 'रेपरिया बालम 'श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर तहसील का एक छोटा सा गांव है 9 एन.पी ! जहां एक किसान के घर पैदा हुआ लड़का अपने राजस्थानी गीतों की बदौलत धूम मचाते हुए अपने इलाके का नाम राष्ट्रीय व् अंतरास्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहा है। आज अशोक विश्नोई उर्फ़ 'रेपरिया बालम' आज राजस्थानी भाषा के गीतों की पहचान बन गया हैं। राजस्थानी गीत "म्हारो-राजस्थान" व् "देश पधारो सा " और "दिल मेरे " द्वारा आज पहचान बना चुके विश्नोई के सुपरहिट गीत "म्हारो-राजस्थान " को अब तक 1 करोड़ 20 लाख के आस-पास लोगो द्वारा डाउनलोड किया जा चूका है। वहीँ  "दिल मेरे " गीत के 70 लाख के आस पास व्यूज यूट्यूब पर उनके गीत को पसंद कर चुके हैं।
गांव के रहने वाले किसान श्री जगदीश मण्डा विश्नोई के परिवार में जन्मे अशोक की स्कूली शिक्षा रायसिंहनगर में हुई है ! उसके बाद जयपुर से पढ़ाई पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा में इकनॉमिक्स की मास्टर डिग्री राजस्थान यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। अशोक विश्नोई की रूचि बचपन से ही संगीत में थी और इनका पहला एल्बम जयपुर स्तर पर निकाला था।
सन 2012 में इनका ऑफिसियल गीत "माहि वे " आया था. इसके बाद 2014 में सुपरहिट गीत स्वरूप खान के साथ "म्हारो-राजस्थान " व्  बॉलीवुड कलाकार कुणाल वर्मा के साथ "दिल-मेरे "जैसे गीतों से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.! दिल्ली केआई आई टी संस्थान में भी विश्नोई ने अपने शो आयोजित किये है ! वही पुणे में 'यंग टैलेंट ' अवार्ड एव अन्य अवार्ड अपने नाम किये हैं।

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