सांचौर के पश्चिम में 34 किलोमीटर की दुरी पर स्थित माता ढब्बावाली के नाम से खासरवी कस्बे में सुप्रसिद्ध मंदिर जहां हर माह की पूनम को, हजारों की संख्या में श्रद्धालु माँ के द्वार माथा टेकने आते हैं।
यहाँ से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह हैं कि माताजी को भोग लगाई हुई प्रसाद हम खासरवी क्षेत्र से बाहर नहीं ले जा सकते।
यहाँ की जलवायु उष्ण मरुस्थलीय हैं, गर्मियों के समय यहाँ लगभग 45° सेल्सियस तक पारा चढ़ जाता हैं और उष्ण हवाओं के थपेड़े जिन्हें "लू" कहते हैं। शीत ऋतु में शरद हवाएं तथा शीत लहर चलती हैंजो यहाँ की फसलों के लिए खतरनाक साबित होती हैं। यह इलाका बहुत ही कम वर्षा वाला हैं, लेकिन नर्मदा नहर ने यहाँ के हालात बदल दिए हैं।
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